लोग अपने रिश्तेदारों की शादी में व्यौहार में बहुत सी चीजें, वस्तुएं, सामान आदि देते हैं व्यौहार बोते हैं। लेकिन जब उनके अपने घर की शादी होती है तब वही चीजें, वस्तुएं रिश्तेदार वापस व्यौहार में नहीं देते। तब बताइए आपको कैसा लगेगा?
मुझे तो चीजों की क्वालिटी में अंतर आने पर भी अच्छा नहीं लगता। और जब वस्तुएं ही वापस ना आए। तब तो बहुत गुस्सा आती है। आखिर व्यौहार बोना एक प्रकार का इंवेस्टमेंट ही तो है। कि कल के दिन वापस अपने घर तो ले जाएं। लेकिन जब वापस ही नहीं मिलता। तब कैसा लगेगा?
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लोग अपने रिश्तेदारों की शादियों में व्यौहार में बहुत सी चीजें, वस्तुएं, सामान आदि देते हैं। व्यौहार बोते हैं। लेकिन जब वही वस्तुएं उनके घर की शादी में वापस नहीं आती हैं। तब बताइए आपको कैसा लगता है?
मुझे तो सामान की क्वालिटी में अंतर आने पर भी बुरा लगता है। और जब वस्तुएं ही वापस ना आए। तब तो और गुस्सा आता है। आखिर व्यौहार बोना भी एक प्रकार का इंवेस्टमेंट ही तो है, कि कल के दिन अपने घर वापस तो ले आएं। लेकिन जब वापस ही नहीं मिलता, तो ऐसा व्यौहार बोना किस काम का?
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व्यवहार परंपरा
अपने रिश्तेदारों की शादी में लोग व्यौहार में बहुत सी चीजें, वस्तुएं, सामान आदि देते हैं। लेकिन जब उनके यहां अपने घर की शादी होती है तब वही चीजें, वस्तुएं वापस व्यौहार में नहीं आती हैं। तो बताइए आपको कैसा लगेगा?? आखिर व्यौहार बोना एक प्रकार का फसल बोने जैसा/या इंवेस्टमेंट ही तो है। कि कल के दिन बदले में वापस फसल/ व्यौहार अपने घर आ जाए। लेकिन जब वापस नहीं आता। तब मुझे तो बहुत बुरा लगता है

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